Adc का फुल फॉर्म या इसका पूरा नाम Analog To Digital Converter होता है। आज हम इसी के बारे में जानेंगे की Adc Digital Converter क्या है? इसका इस्तेमाल कहा और क्यों होता है?
Analog to Digital Converter (ADC)
एनालॉग टु डिजिटल कनवर्टर (ADC), एक प्रकार का कनवर्टर है, जो Analog Signal को जो एक Wave (तरंग) के रूप में होता है उसे Digital Signal में Encode यानि बदल देता है। जो Binary Format में होता है यानि 0 और 1 के रूप में।
Analog To Digital Converter, (ADCs) हमारे वास्तविक दुनिया में Communication (संचार) करने के विभिन्न माध्यम जैसे हमारा मोबाइल फ़ोन,रेडियो,कंप्यूटर और ऐसे अन्य Digital Logic Circuit को यह अनुमति देते हैं, की हमारे आस पास के वातावरण में, एनालॉग सिग्नल जिनका लगातार मूल्य बदलता रहता हैं और जो विभिन्न स्रोतों और सेंसर से उतपन्न होते हैं। और यह सिग्नल ध्वनि, प्रकाश, तापमान इत्यादि में आराम से आ जा सकते है। इनको डिजिटल सिस्टम के ट्रांसड्यूसर के मदद से एनालॉग सिग्नल से डिजिटल में परवर्तित कर सके।
ADC कैसे काम करता है? How Its Work :-
एनालॉग सिग्नल को डिजिटल सिग्नल में परिवर्तित करते समय ADC एक Sequence को Follow करता हैं। और इस सीक्वेंस को तब तक फॉलो करता जब तक पूरी तरह से सभी सिग्नल कन्वर्ट न हो जाये। वह पहले सिग्नल का Sample (नमूना) तैयार करता हैं, फिर उस सिग्नल के लिए रिज़ॉल्यूशन को निर्धारित करता है और उसे परिमाणित भी करता हैं, की वह सही है या गलत और अंत इसका Binary Set (बाइनरी सेट) करता हैं। फिर तैयार डिजिटल सिग्नल को पढ़ने के लिए सिस्टम को भेज देता हैं।
Adc Converter के दो महत्वपूर्ण काम होता है एक Sampling और एक Resolution
A/D कितने प्रकार के होते है – Types of Analog to Digital converter(ADC) in Hindi
आज के समय में हमारे उपयोग में अभी पांच प्रकार के प्रमुख ADC Converter हैं। इनका वर्गीकरण इनके के पास अपना जो Resolution और Sampling का जो गुण और क्षमता है इनके आधार पर किया गया है। आइए इनके सभी प्रकार को देखे, देखें कि ये कैसे काम करते हैं, और आज दुनिया में उनका उपयोग कैसे किया जाता है।
Adc के प्रकार :
- Successive Approximation (SAR) ADC
- Delta-sigma (ΔΣ) ADC
- Dual Slope ADC
- Pipelined ADC
- Flash ADC
SAR ADC (Successive Approximation) क्या है यह कैसे काम करता है?
Sar Adc का Full Form Successive Approximation Analog To Digital Converter होता है।
SAR Technology लंबे समय से आसपास रहा है, वो इस लिए क्योंकि SAR Design Stable और सस्ती Circuit है बाकि के और Circuit के अपेक्षा। इस सर्किट के मदद से हम दोनों साइड Configured कर सकते है। एक Low-End A/D cards जहा Multiple Input Channels से Signal Receive होते है और यह ADC Chip के साथ साझा होते है। और एक configurations में जहा Multiple Channels से आये Input Signal को एक साथ सही Sampling किया जाता है।
Delta-sigma ADC क्या है यह कैसे काम करता है?
Delta Sigma Adc एक नया Adc डिज़ाइन है जो DSP technology के मदद से amplitude axis resolution को बढ़ता है और high-frequency quantization noise को कम करता है जो SAR टेक्नोलॉजी में था।
Delta Sigma के जटिल और शक्तिशाली डिजाइन उन्हें Dynamic Applications के लिए बेहतर बनाते हैं। जिन्हें यथासंभव amplitude axis resolution की आवश्यकता पूरी होती है। यही कारण है कि वे आम तौर पर ऑडियो, ध्वनि और कंपन, और उच्च अंत डेटा जैसे एप्लीकेशन में ज्यादतर पाए जाते हैं। डेल्टा सिग्मा बड़े पैमाने पर Industrial Measurement Applications में भी उपयोग किए जाते हैं।
delta-sigma ADCs चयनित Sample की तुलना में कहीं अधिक signal का Sample लेकर काम करता हैं। इसके इस्तेमाल से selected sample rate से सौ गुना अधिक हो सकती है। यह Approach एक बहुत ही high-resolution data stream बनाता है इसके लिए 24 Bits आम बात है और इसमें Multistage Anti-aliasing filtering (AAF) होने का एक अलग ही लाभ है, जिससे गलत signals को Digitize करना लगभग असंभव हो जाता है।
Dual Slope ADC क्या है?
Dual Slope ADCs सही हैं, लेकिन बहुत तेज़ नहीं हैं। इसका काम करने का सिद्धांत है की यह है यह Analog Values को Digital Values में Integrator का उपयोग करके करता है।
Dual Slope ADCs में जो Integrator होता है वह दो Different Ramps बनता है। एक को हम Analog Input Voltage VA और दूसरे को Reference Voltage Vref से जानते है। इसी के वजह इसे ड्यूल स्लोप एनालॉग टू डिजिटल कनवर्टर कहते है।
Pipelined ADC क्या है?
Pipelined Analog to digital converter इसलिए ज्यादा लोकप्रिय है क्योंकि इसकी बनावट में Sampling का Rate Megasamples per second (Msps) में 100Msps+ तक हो सकता है। इसकी Resolution Range 8 bits Fast sample rate पर और 16 bits Low Sample rate पर होती है। इसकी यही Resolutions और Sampling Rates के वजह से यह सभी तरह के application को Cover करता है जैसे CCD imaging, ultrasonic medical imaging, digital receivers, digital video उदाहरण के लिए HDTV और xDSL cable modems और Fast Ethernet
Flash ADC क्या है?
Flash Analog to digital converter Fast है और यह बिना Latency के Vertually Operate करता है। इसकी लिए जब Highest Possible Sample Rates की जरुरत होती तो इसकी Architecture काम में ली जाती है।
यह ज्ञात reference values के साथ तुलना करके एनालॉग को डिजिटल सिग्नल में बदलते हैं। Converting process में जितने अधिक ज्ञात references का उपयोग किया जाता है, उतनी अधिक Accuracy प्राप्त की जा सकती है।
उदाहरण के लिए, यदि हम 10-बिट रिज़ॉल्यूशन वाला Flash ADC चाहते हैं, तो हमें 1024 ज्ञात values के खिलाफ आने वाले एनालॉग सिग्नल की तुलना करने की आवश्यकता होगी। 8-बिट रिज़ॉल्यूशन के लिए 256 ज्ञात Value की आवश्यकता होती है, और भी इसी तरह।
ADC की जरुरत क्यों है? Need of Adc
एनालॉग सिग्नल निरंतर हो सकते हैं और एक अनंत संख्या में विभिन्न वोल्टेज मान प्रदान कर सकते हैं, दूसरी ओर डिजिटल सर्किट बाइनरी सिग्नल के साथ काम करते हैं जिसमें केवल दो ही वैल्यू होती हैं, एक “1” (High) और एक “0” (LOW)। इसलिए एक इलेक्ट्रॉनिक सर्किट होना आवश्यक है जो लगातार बदलते एनालॉग सिग्नल के दो अलग-अलग डोमेन के बीच परिवर्तित कर सके, और यह वह जगह है जहां Analog To Digital Converter ADC आते हैं।
इस लेख में हमने देखा Adc क्या है इसका Full form और इसके प्रकार हमे उम्मीद है आपको यह हमारा लेख पसंद आया होगा इसी तरह के और भी रोचक ज्ञान के लिए आप Gyanmix को बुकमार्क कर लीजिय।