Home » Computer » Explain microprocessor in hindi | माइक्रोप्रोसेसर क्या है
Microprocessor computer का बहुत ही महत्वपूर्ण अंग है। एक कंप्यूटर में बहुत से microprocessor होते है। कंप्यूटर को दिए गए सभी आदेश इनके द्वारा ही पूरे किए जाते हैं यहा तक की कंप्यूटर के सीपीयू में बहुत से माइक्रोप्रोसेसर लगे होते हैं । जब ये इतना जरूरी ही है तो आइये जानते है इसके बारे मे की माइक्रोप्रोसेसर क्या है? इसकी आविष्कार कब हुआ? इस से जुड़ी हर एक जानकारी विस्तार से ।
माइक्रो प्रोसेसर क्या है – What is Microprocessor
माइक्रोप्रोसेसर एक प्रकार से एक सिलिकॉन चिप(chip) होता है जिस पर हजारों इलेक्ट्रॉनिक सर्किट होते हैं। बहुत से लोग इसको केवल चीप कहते हैं । माइक्रोप्रोसेसर डिजिटल घड़ियों, कैलकुलेटर, वीडियो गेम और माइक्रोवेव ओवन में प्रयोग आते हैं ।
आप अगर ध्यान दें तो Microprocessor दो शब्दो से मिलकर बना है – “Micro” + “processor”
Micro का मतलब होता है छोटा और अब बात रही प्रॉसेसर का, तो माइक्रोप्रोसेसर समझने से पहले processor क्या है इसे समझते है । क्योकि Processor का ही छोटा रूप Micro-Processor होता है ।
प्रॉसेसर क्या है उदाहरण सहित – What is Processor with example
प्रॉसेसर किसी भी Computer Or Laptop, Mobile डिवाइस का सबसे महत्वपूर्ण अंग होता है । अगर हम बात करे कम्प्युटर का तो कम्प्युटर का क्या काम होता है? कम्प्युटर का काम होता है, हम से कुछ इनपुट लेना फिर इनपुट को प्रोसैस(Process) करना और तब फिर हमे कुछ आउटपुट देना है । तो ये जो प्रोसैस का काम होता है वह processor के द्वारा ही किया जाता है ।
प्रॉसेसर को ही सारे कैलक्युलेशन, गणना ये सारे काम करना होता है। इस तरह से एक कम्प्युटर सिस्टम मे सबसे महत्वपूर्ण होता है ।
माइक्रोप्रोसेसर का आविष्कार कब हुआ तथा इसके आविष्कारक कौन है?
अगर बात करे की Microprocessor के आविष्कार और आविष्कारक की तो यह श्रेय जाता है Intel कंपनी को क्योकि इसी Company ने सन 1971 में अमेरिका की Intel कॉरपोरेशन ने सिलिकॉन चिप पर पूरा कंप्यूटर बनाया था । उसी के आधार पर इस कंपनी ने माइक्रोप्रोसेसर के नाम “माइक्रोप्रोसेसर” रखा जो आज भी प्रचलित है । तब से लेकर अब तक इसे अनेक Device में प्रयोग किया जा रहा है ।
माइक्रोप्रोसेसर कैसे बनता है इसका मुख्य भाग क्या है – How Made Microprocessor
Micro-Processor का मुख्य भाग सिलिकॉन होता है तथा माइक्रोप्रोसेसर बनाने में अर्धचालक के रूप में एक सिलिकॉन चीप का प्रयोग किया जाता है । इसके मरीम छड़ के रूप में एक भट्टी में तैयार किए जाते हैं । इस छड़ से पतले-पतले वैफर काट लिए जाते हैं । इन वैफ़र पर जटिल विधियों से इलेक्ट्रॉनिक परिपथों का निर्माण किया जाता है। यह चीप माइक्रो प्रोसेसर के रूप में प्रयोग किया जाता है । एक सिलीकान चिप आधा इंच लंबा और आधा इंच चौड़ा होता है । इस पर हजारों इन्टीग्रेटेड (IC) परिपथ बने होते हैं ।
आजकल माइक्रोप्रोसेसर को सिलीकान चिप पर ही बनाया जाता है। इनको बनाना बहुत ही टेढ़ा काम है । माइक्रोप्रोसेसर एक डिजिटल युक्ति है, जो बाइनरी कोड के आधार पर काम करती है ।
माइक्रोप्रोसेसर का इतिहास – History of Microprocessor
अब नज़र डालते है इसके कुछ इतिहास पर की ये कब और कैसे इतना Power full बना
Generation of Micro Processor
Frist Generation Microprocessor : जब 1971 मे पहली बार माइक्रो प्रॉसेसर Intel कंपनी द्वारा बना यह पहला पीढ़ी था माइक्रोप्रोसेसर इस समय सिर्फ 4 बिट का होता था । इसमे इतनी खूबिया नही थी, बाद मे इसे जाकर बहुत तेज और अच्छा बनाया गया ।
Second Generation Microprocessor : प्रथम पीढ़ी में 4 (Bit)बीट के माइक्रोप्रोसेसर बनाए जाते थे। सन् 1973 में 8 बीट के माइक्रोप्रोसेसर बनाए गए । माइक्रो प्रोसेसर की यह दूसरी पीढ़ी थी । इन्हें आज भी पर्सनल कंप्यूटर में प्रयोग किया जाता है।
8 बीट के माइक्रोप्रोसेसर टेलीफोन एक्सचेंज, वायुयान नियंत्रण केंद्र, कपड़ा मिलों और इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों में काफी उच्च स्तर पर प्रयोग किया जा रहा है ।
Third generation Microprocessor : 1978 में 16 बीट के माइक्रोप्रोसेसर बनाए गए । इस तरह माइक्रो प्रोसेसर की तीसरी पीढ़ी का जन्म हुआ । यह माइक्रोप्रोसेसर Fast होते थे और पुराने माइक्रोप्रोसेसर की तुलना में अधिक शक्तिशाली और अधिक क्षमता वाले होते थे । यह कम समय में अपना काम पूरा कर लेती थी । इस प्रकार यह विश्व में शीघ्र ही प्रचलित हो गए ।
अमेरिका की मेट्रोला कंपनी ने 16 बीट के Microprocessor में 68 हजार ट्रांजिस्टर लगे थे । इन्हें कंप्यूटर के सीपीयू में प्रयोग किया गया । इसकी बदौलत नई प्रोग्रामिंग भाषा का जन्म हुआ । यह माइक्रोप्रोसेसर उच्च भाषा समझ सकते थे । सिलिकॉन चिप पर बने इन माइक्रोप्रोसेसर को बेहतर किस्म के कैलकुलेटर बनाने में प्रयोग किया जाता था ।
Fourth Generation Microprocessor : समय के साथ साथ मानव को अच्छे किस्म के माइक्रोप्रोसेसर की आवश्यकता होने लगी इसी को देखते हुए 32 बीट के माइक्रोप्रोसेसर बनने लगे और इस प्रकार microprocessor कि चौथी पीढ़ी का 1985 मे जन्म हुआ । इसके गेट का आकार बहुत ही छोटा होता था इसलिए इनमें आपसी संपर्क बेहतर होने लगा । यह माइक्रो प्रोसेसर अधिक तीव्र साबित हुए।
यह सभी माइक्रोप्रोसेसर सिलीकान चिप पर बनाए जाते थे अब गैलियम आर्सेनाइड पर भी माइक्रोप्रोसेसर बनाए जाते हैं।
माइक्रो प्रॉसेसर कौन सी पीढ़ी का है – Which Generation Introduce Microprocessor
आप कम्प्युटर की Generation तो जानते ही होंगे की किस पीढ़ी मे कौन से कम्प्युटर आए अगर नही जानते तो Computer generation पर आधारित हमारा यह आर्टिक्ल पढे । अब बात करते है कम्प्युटर के किस पीढ़ी मे माइक्रोप्रोसेसर का इस्तेमाल होने लगा या माइक्रोप्रोसेसर किस कम्प्युटर के पीढ़ी मे आया?
Micro Processor कम्प्युटर के चौथी पीढ़ी मे आया था उस समय कम्प्युटर मे 8 Bit का माइक्रोप्रोसेसर का इस्तेमाल होता था ।
अब बात करते है माइक्रोप्रोसेसर के कुछ मोडेल पर
8085 Microprocessor in hindi – 8085 माइक्रोप्रोसेसर क्या है?
दरअसल 8085 माइक्रोप्रोसेसर दूसरा कोई नही बल्कि 8 bit के ही प्रॉसेसर को बोला जाता है जो 1977 मे Intel कंपनी ने बनाई थी जो NMOS Technology पर Based थी । जिसका इस्तेमाल हम Washing machine, Microwave ovens, Keypad Mobile phones इत्यादि मे देखते है ।
इस माइक्रोप्रोसेसर मे हम निम्नलिखित function unit देखते है –
Accumulator
Arithmetic and Logic unit
General Purpose Register
Program Counter
Stack pointer
Temporary register
Flag register
Etc …
Microprocessor किस देश मे ज्यादा बनाता है?
सारी दुनिया में आज माइक्रोप्रोसेसर के क्षेत्र में अमेरिका और जापान विश्व के जाने-माने देश हैं। इन दोनों देशों में गैलियम आर्सेनाइड युक्तियों पर तेजी से काम हो रहा है। गैलियम आर्सेनाइड पर बने माइक्रो प्रोसेसर सिलीकान चिप की तुलना में 1000 गुना अधिक तेज होते हैं इन पर बहुत से अनुसाधन कार्य हो रहे हैं।
आजकल वैज्ञानिक ऐसी युक्तियों पर काम कर रहे हैं जिनसे पैदा हुए इलेक्ट्रॉन को प्रकाश में बदलकर कांच तंतुओं से गुजारा जाएगा। हम जानते हैं कि प्रकाश की गति इलेक्ट्रॉन की तुलना में अधिक होती है इसलिए एक Gate से दूसरे गेट पर पहुंचने में कम समय लगेगा। इस तकनीक का नाम फोटोन तकनीक रखा गया है।
अधिचलकता (Super Conductivity) के आधार पर द्रव हिलियम के तापमान पर नयोलियम का प्रयोग में लाकर पदार्थ का प्रतिरोधक अधिक कम हो जाता है । वैज्ञानिकों के अनुसार यह युक्तियां अधिक प्रभावशाली होंगे क्योंकि इनमें विद्युत की क्षति ना के बराबर होगी ।
इलेक्ट्रॉनिक कि क्षेत्र में सूक्ष्मीकरण की यह नई राह है, पता नहीं विज्ञानिक इस राह पर कहां ले जाएंगे ।
इस लेख मे बस इतना ही मुझे उम्मीद है आपको Microprocessor पर आधारित यह लेख जिसमे हमने माइक्रोप्रोसेसर क्या है? इसकी आविष्कार कब हुआ? माइक्रोप्रोसेसर का आविष्कार कब हुआ तथा इसके आविष्कारक कौन है? तथा इसके इतिहास के बारे मे बात की आपको पसंद आया होगा । आपकी बहमूल्य समय के लिय धन्यवाद!!
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